Wednesday 1 October 2014

गुब्बारा
इक भालू के थे बच्चे दो
नटखट बहुत थे दोनों वो
भालू लाया एक गुब्बारा
रंग बिरंगा प्यारा प्यारा
गुब्बारा देख बच्चे चिल्लाये
झटपट दोनों दौड़े आये
गुब्ब्बारा लेकर भागे दोनों
झूम खुशी से गये दोनों
फिर इक बोला दूजे से
“भइया, गुब्बारा फूला कैसे?”
दूजा बोला खूब सोच कर
“देखें तो क्या है इसके भीतर”
बस मिलकर पिचकाया गुब्बारा
धमाके से फट गया गुब्बारा.

©आई बी अरोड़ा  

2 comments: