Thursday 31 July 2014

पक्के  दोस्त
एक खरगोश और एक मुर्गा
दोनों थे पक्के दोस्त.
रहते थे दोनों
साथ-साथ           
और करते थे मस्ती भी
साथ-साथ.  
एक चालाक लोमड़ी
पूरी तरह थी सतर्क,
पहले मुर्गे को खाऊं
या खरगोश को,
मन में उसके
चलता था यही तर्क.
एक दिन एक गाजर लिए
बैठी गई वो पेड़ के नीचे,
खरगोश और मुर्गा
सुस्ता रहे थे
निकट ही  
एक अन्य पेड़ के पीछे.
जब खरगोश को आई
गाजर की सुगंध,                                            
तब हो गई उसकी सोच
पूरी तरह बंद.
चुपचाप वो चल दिया
गाजर की ओर.
मुर्गा पर चालाक था
उसे लगा कि
गड़बड़ है कुछ और.
वो जानता था,
गाजर पर छिड़कता है
खरगोश अपनी जान,
पर फंस जायेगा बेचारा
मुसीबत में
उसे इतना भी नहीं भान.
मुर्गा हुआ सावधान
देखा उसने धूर्त लोमड़ी को
घात लगा कर बैठी थी
पेड़ के पीछे जो.
लोमड़ी की चाल वह  
समझा पल में.
गुस्से से हुई उसकी आँखें लाल
उसी एक पल में.
जैसे ही खरगोश पहुंचा
गाजर के निकट,
लोमड़ी ने मारी एक झपट.
उसे लगा कि चल जायेगा
आज उसका कपट
खाएगी वह खरगोश को
मज़े से सपट-सपट  .
पर मुर्गा भी था तैयार      
उसने किया लोमड़ी पर
बस एक ही वार,
लोमड़ी को दिख गये
दिन में तारे,
याद आये उसे
नानी के प्रवचन कई सारे.
दुम दबा कर भागी
वहां से लोमड़ी,
पर थी वह  
गुस्से से भरी,
इस घमंडी मुर्गे को  
एक दिन सिखाऊंगी
मैं अच्छा सबक,
इसे तो एक दिन
मैं कच्चा ही खाऊँगी
चबा कर चबक-चबक.
देखने लगी मूर्ख लोमड़ी
ऐसे सपने सुहावने
तभी मुर्गे ने किया
एक और वार
फिर चिल्ला कर कहा,
“मैं समझाऊंगा
बस एक ही बार,
अगर मेरे मित्र की ओर
आँख भी उठाई
तो ऐसी ही पड़ेगी मार
हर बार, बार-बार.” 
एक खरगोश और एक मुर्गा
दोनों हैं पक्के दोस्त
पर बेचारे मुर्गे को ही
करनी पड़ती ही
भोले-भाले खरगोश की रक्षा
वह फंस जाता था मुसीबत में
बार-बार.
© आई बी अरोड़ा     

8 comments:

  1. मैं समझाऊंगा
    बस एक ही बार,
    अगर मेरे मित्र की ओर
    आँख भी उठाई
    तो ऐसी ही पड़ेगी मार
    हर बार, बार-बार.”
    एक खरगोश और एक मुर्गा
    दोनों हैं पक्के दोस्त
    पर बेचारे मुर्गे को ही
    करनी पड़ती ही
    भोले-भाले खरगोश की रक्षा
    वह फंस जाता था मुसीबत में
    बार-बार.
    बहुत ही प्रभावी और प्रेरणा देते शब्द

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  2. Waah bahut khub, It gives a good lesson as well. We should always protect our friends if they are innocent and don't know how to fight against problems.
    Since we are friends, so it is our duty to protect them.

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  3. waah... kya bat hai... bahut sundar rachna...

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    1. प्रशंसा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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  4. Kash aadmi bhi aise hote. Nice poem with a good moral...

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    1. कुछ दोस्त तो ऐसे ज़रूर हैं !! thanx for liking the poem

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