हाथी दाँत 
इक दिन हाथी ज़ोर से चीखा 
दर्द हुआ था दाँत में तीखा 
दौड़ी भागी हथनी आई
जल्दी से वह डॉक्टर लाई 
डॉक्टर ने पूछे कई सवाल
फिर की खूब जांच पड़ताल 
बहुत सोच कर बोला डॉक्टर
“बिगड़ गई है बात यहाँ पर 
अब तो है बस यही उपाये
दाँत एक निकाला जाये” 
डर से उड़ गये हाथी के होश
डॉक्टर ने किया उसे बेहोश 
बहुत लगाया तब उसने ज़ोर
दाँत उखड़ा और गिरा इक ओर 
सबको उखड़ा दाँत दिखाया
डॉक्टर अपने पर खूब इतराया 
पर जब हाथी होश में आया
बहुत ज़ोर से वह चिल्लाया 
“मूर्ख, तुमने कर दिया कबाड़
सही दाँत है दिया उखाड़  
यह था न खाने वाला दाँत
यह तो था दिखलाने वाला दाँत”
                                                     © आई बी अरोड़ा
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