Saturday 13 September 2014

हाथी दाँत
इक दिन हाथी ज़ोर से चीखा
दर्द हुआ था दाँत में तीखा

दौड़ी भागी हथनी आई
जल्दी से वह डॉक्टर लाई

डॉक्टर ने पूछे कई सवाल
फिर की खूब जांच पड़ताल

बहुत सोच कर बोला डॉक्टर
“बिगड़ गई है बात यहाँ पर

अब तो है बस यही उपाये
दाँत एक निकाला जाये”

डर से उड़ गये हाथी के होश
डॉक्टर ने किया उसे बेहोश

बहुत लगाया तब उसने ज़ोर
दाँत उखड़ा और गिरा इक ओर

सबको उखड़ा दाँत दिखाया
डॉक्टर अपने पर खूब इतराया

पर जब हाथी होश में आया
बहुत ज़ोर से वह चिल्लाया

“मूर्ख, तुमने कर दिया कबाड़
सही दाँत है दिया उखाड़ 

यह था न खाने वाला दाँत
यह तो था दिखलाने वाला दाँत”
                                                     © आई बी अरोड़ा

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