हाथी की दुकान 
इक हाथी ने खोली दुकान 
करने लगा वह भी कुछ काम 
माल बहुत सा ले आया 
सब को फिर संदेशा भिजवाया 
“सामान सभी है मेरा अच्छा 
सबसे बढ़िया सबसे सस्ता 
झटपट न ले जाओगे 
तो घाटे में रह जाओगे” 
 पर कोई न आया लेने सामान 
बैठे-बैठे बस हो गयी शाम 
हाथी बहुत ही झुंझलाया 
सब पर वह चीखा चिल्लाया 
हल्ला सुन सिंह दौड़ा आया 
हाथी पर उस को गुस्सा आया 
सिंह ने खींचे हाथी के कान 
बंद हो गई हाथी की दुकान. 
© आइ बी अरोड़ा 
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