Wednesday 22 July 2015

एक लंबी कहानी---“पत्थर का योद्धा” (भाग 8
अगली सुबह रायज़र को अहसास हुआ कि उसने ज़ोरान को चुनौती दे कर भारी भूल कर दी थी. ऐसा नहीं था कि वह ज़ोरान से डरता था. पर उसे लगा कि ज़ोरान जैसे अच्छे योद्धा को चुनौती देना गलत था. ज़ोरान ने न कभी रायज़र का अपमान किया था और न ही कभी उसके साथ बुरा व्यवहार किया था. उसे यह डर भी सताने लगा कि अगर तलाविया के राजा को इस बात का पता चला तो वह बहुत नाराज़ होंगे, शायद उसे दंड भी दें.

उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था. गुस्से और उत्तेजना में वह अकेला ही शराब पीने के लिए चाँद सराय आया. वहां उसे वीलीयन मिला. वीलीयन वहीं बैठा शराब पी रहा था.

‘मैंने बहुत ही मूर्खतापूर्ण काम कर दिया है. मैंने अपने नायक ज़ोरान को चुनौती दे दी है. आज शाम हम दोनों द्वंद युद्ध लड़ेंगे, सूर्यास्त से पहले,’ रायज़र की वाणी में निराशा झलक रही थी. उसे अपनी भूल पर पछतावा हो रहा था.

रायज़र को इस बात का ध्यान न रहा कि वीलीयन ने ही उसे ऐसा करने के लिए उकसाया था. वह तो यह समझ रहा था कि वीलीयन उसका सच्चा मित्र है.

‘मित्र, मैंने तो कल ही आपको सावधान कर दिया था. कल आप ने थोड़ी अधिक ही शराब पी ली थी. इस कारण मैंने कहा था कि सोच समझ कर ही कुछ तय करना. पर अब पछताने से क्या लाभ? अब इस युद्ध से पीछे हटना अपमान भरी बात होगी. आप के पास आत्म-सम्मान के अतिरिक्त है ही क्या? एक वीर के लिए आत्म-सम्मान खोने से अच्छा है कि वह मृत्यु को गले लगा ले,’ वीलीयन चतुराई से उसे उकसाने की कोशिश करता रहा.

‘मैं जानता हूँ कि अब मुझे द्वंद युद्ध करना ही होगा, अन्यथा बहुत अपमान होगा. मेरे साथी भी मुझ पर हंसेगे. अब अपने आत्म-सम्मान के लिए मुझे ज़ोरान से लड़ना ही होगा.’

‘अब हमें यह सोचना है कि इस युद्ध की तैयारी कैसे करनी है. सबसे पहले आप शराब पीना बंद करें. आज आप शराब को हाथ भी न लगाएं. आप को पूरी तरह स्वस्थ रहना है और अपने मन को शांत रखना है.’

‘पर ज़ोरान से कैसे लड़ पाउँगा? उसे कैसे मार पाउँगा? वह इतना अच्छा आदमी है. सब उसे बहुत पसंद करते हैं,’ रायज़र अपने विचारों में उलझता जा रहा था.

‘आप उससे अवश्य लड़ें, पर यह ज़रूरी नहीं है कि आप उसका वध करें. बस, उसे घायल कर दें. इससे यह प्रमाणित हो जायेगा कि आप उसके समान ही वीर योद्धा हैं.’

‘लेकिन मैं ज़ोरान को जानता हूँ, वह कभी हार नहीं मानेगा. वह तब तक लड़ना बंद नहीं करेगा जब तक की वह मुझे पराजित नहीं कर देगा, मुझे भय है कि यह लड़ाई तभी समाप्त होगी जब हम दोनों में से एक मारा न जायेगा,’ रायज़र ने मायूस हो कर कहा.

‘अगर आप चाहो तो मैं आप की सहायता कर सकता हूँ,’ वीलीयन ने अपनी अंतिम चाल चली.

‘कैसे?’ रायज़र ने संदेह की दृष्टि से देखते हुए पूछा.

‘मेरे पास एक जादुई खंजर है. अगर आप उस खंजर से उसे घायल कर दें तो वह हार जायेगा. खंजर से हुए ज़ख्म से बहता खून जैसे ही धरती पर गिरेगा, ज़ोरान अपनी सारी शक्ति खो बैठेगा. फिर वह लड़ न पायेगा और आप जीत जायेंगे,’ वीलीयन ने धीमे से कहा.

‘परन्तु लड़ाई में जादू का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. ऐसा करना अनुचित होगा. मुझे अपने पर पूरा विश्वास है और, बिना किसी छल के, मैं ज़ोरान को हरा दूंगा.’

‘क्या आपके राजा ने आप के साथ उचित व्यवहार किया था? एक तरह से तो आप के साथ भी छल हुआ था. यह लड़ाई आप न तो ज़ोरान का वध करने के लिए लड़ रहे हैं और न ही स्वयं को मारने के लिए. आप को तो बस यह प्रमाणित करना है कि आप एक महान योद्धा हैं, ज़ोरान से भी बड़े वीर हैं. इसलिये आप को कोई ऐसा रास्ता ढ़ूंढ़ना होगा जिस पर चल कर आप, बिना मारे और बिना मरे, यह लड़ाई जीत जाएँ. यह जादुई खंजर उसे शक्तिहीन कर देगा और आप द्वंद युद्ध जीत जायेंगे, बस,’ वीलीयन ने उसे अपनी बातों के जाल में फांसने की पूरी कोशिश की.

रायज़र वीलीयन की बातों फंस गया और उस धूर्त का सुझाव मान लिया.

‘तुम इस खंजर के विषय में किसी से कुछ न कहोगे,’ रायज़र ने कहा.

‘मैं किसी को कुछ नहीं बता सकता. अगर इसके बारे कोई जान गया तो खंजर की सारी जादुई शक्ति समाप्त हो जायेगी. और आप को भी एक बात का ध्यान रखना है, इस खंजर का सिर्फ एक बार ही प्रयोग हो सकता है. इसलिये खूब सोच-समझ कर इसका इस्तेमाल करियेगा. जब आप को विश्वास हो जाये कि आप ज़ोरान के शरीर पर घहरा घाव कर पायेंगे तभी इसका इस्तेमाल करियेगा. घाव इतना गहरा हो कि घाव से खून बह कर नीचे धरती पर गिरे. जैसे ही उसका खून धरती पर गिरेगा, वह अपनी सारी शक्ति खो बैठेगा और लड़ना बंद कर देगा. आप जीत जायेंगे,’ वीलीयन ने बड़े जोश के साथ कहा.

रायज़र यह बात न जानता था कि वीलीयन उससे झूठ बोल रहा था. जादुई खंजर से घाव होने पर ज़ोरान सदा के लिए पत्थर का बन जाने वाला था, उसके मन में ज़ोरान को हारने की इच्छा इतनी तीव्र थी कि वह वीलीयन के झूठ को सच मान उसके कहे अनुसार लड़ने को तैयार हो गया.

रायज़र बहादुर था, शक्तिशाली था, परन्तु उसे भय था कि कहीं वह ज़ोरान से हार न जाये. वह हारना न चाहता था, अतः वीलीयन की बातों में आकर उसने छल का सहारा लेने की बात मान ली.

‘लाओ, मुझे वह जादुई खंजर दे दो. पर पहले यह वचन दो कि तुम इसके विषय में किसी से कुछ न कहोगे,’ रायज़र ने कहा.

‘मेरे प्रिये मित्र, मैं वचन देता हूँ कि खंजर की बात मैं किसी से न कहूँगा,’ इतना कह वीलीयन ने उसे जादुई खंजर दे दिया.

जब वीलीयन और रायज़र यह बातें कर रहे थे, नीले पंखों वाला अनोखा पक्षी कहीं से आकर उनके निकट एक पेड़ पर आ बैठा था और उन दोनों के एकटक देख रहा था.

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