Saturday, 18 July 2015

एक लंबी कहानी---“पत्थर का योद्धा” (भाग 4

आर्विज़ का मानना था कि सैनिकों को अपने बल और शौर्य से ही युद्ध जीतने चाहिये और कभी भी छल और जादू की मदद नहीं लेनी चाहिये. वीलीयन आर्विज़ के इन विचारों से परिचित था. वह जानता था कि छल और कपट से शत्रु को हारने में आर्विज़ उसकी सहायता नहीं करेगा. परन्तु वीलीयन के मन में तो कुछ और ही चल रहा था.

वीलीयन तो किसी भी तरह, छल से, कपट से, धोखे से, ज़ोरान को मार डालना चाहता था. वह जानता था कि अगर ज़ोरान को मार डाला जाये तो तलाविया की सेना को हराना आसान हो जाएगा.

आर्विज़ वीलीयन की बातों में आ गया. आर्विज़ को यह जान कर बहुत बुरा लगा था कि ज़ोरान ने एक दुष्ट जादूगर की सहायता से ब्राशिया के सेना को हराया था.

‘मुझे इस बात का पता न था कि ज़ोरान एक नीच व्यक्ति है. मैं तो समझता था कि वह एक महान योद्धा है. उसने तुम लोगों को हारने के लिए दुष्ट जादूगर की मदद ली, मुझे विश्वास नहीं हो रहा. उसे इस नीचता का दंड मिलना चाहिये,’ आर्विज़ ने दुःखी मन से कहा.

‘पर जब तक वह दुष्ट जादूगर उसके साथ हम उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते,’ वीलीयन ने कहा.

‘अगर मैं सेना की मदद करना चाहूँ तो क्या महाराज यंगहार्ज़  मुझे ऐसा करने देंगे?’ आर्विज़ ने पूछा.

‘नहीं, कभी नहीं. हमारे राजा किसी जादूगर की सहायता न लेंगे. छल और कपट से वह कोई युद्ध नहीं जीतेंगे.’

‘फिर तो एक ही रास्ता है. मैं उस जादूगर से मिलूंगा जो ज़ोरान की मदद कर रहा है. मैं उसे समझाऊंगा कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिये.’

‘ऐसा करना बहुत कठिन है. ज़ोरान किसी को भी उस जादूगर से न मिलने देगा. ब्राशिया के किसी नागरिक या सैनिक को तो वह जादूगर के पास फटकने भी न देगा. ज़ोरान बहुत ही क्रूर आदमी है, अगर हमने जादूगर से मिलने की कोशिश की तो ज़ोरान हमारे साथ वह बहुत बुरा व्यवहार करेगा.’

इतना कह वीलीयन चुप हो गया और किसी सोच में डूब गया. फिर अचानक उसका चेहरा खिल उठा. उसने कहा, ‘एक रास्ता है, अगर आप मुझे कोई ऐसा जादू सिखा दें जिससे में ज़ोरान को मार सकूँ तो हम तलाविया की सेना को उनके दुष्कर्मों का दंड दे सकते हैं.’

‘कैसे?’ आर्विज़ ने पूछा.

‘आपसे जादू सीख कर मैं, महाराज की अनुमति से, ज़ोरान को द्वंद युद्ध की चुनौती दूँगा. अगर वह मुझ से एक सच्चे योद्धा की भांति लड़ेगा तो मैं जादू का प्रयोग नहीं करूंगा और उसको युद्ध में हरा दूंगा. लेकिन अगर उसने कोई नीच चाल चली और छल से मुझे पराजित करने की कोशिश की तो मैं आपके सिखाये जादू से उसको मार डालूँगा.’

‘अगर तुमने ज़ोरान को मार भी डाला तो फिर भी तुम्हें तलाविया की सेना से युद्ध करना पडेगा. जब तक वह जादूगर उस सेना की सहायता कर रहा है तब तक उन्हें हराना सरल न होगा, मुझे लगता है कि हमें पहले उस जादूगर से निपटना होगा,’ आर्विज़ ने कुछ सोच कर कहा.

आर्विज़ की बात सुन वीलीयन थोड़ा घबरा गया. वह जानता था कि कोई जादूगर ज़ोरान की मदद न कर रहा था, उसने तो एक झूठी कहानी आर्विज़ को बहकाने के लिए सुनाई थी. उसे लग रहा था कि यह कहानी सुन कर आर्विज़ उसे कोई ऐसा जादू सीखा देगा जिसके प्रयोग से वह ज़ोरान को मार डालेगा. वह तो सिर्फ ज़ोरान को मार कर महाराज यंगहार्ज़  के सामने अपने आप को एक वीर योद्धा प्रमाणित करना चाहता था, राजा से प्रशंसा और पुरूस्कार पाना चाहता था.

‘आप एक बात समझ नहीं रहे, अगर ज़ोरान मर गया तो वह जादूगर तलाविया की सेना की कोई मदद न करेगा. वह ज़ोरान का मित्र है और ज़ोरान के कहने पर ही उस सेना की मदद कर रहा है.’

आर्विज़ दुष्ट वीलीयन की चाल मियन फंस गया. उसने मन ही मन तय किया की वह ज़ोरान को मारने में वीलीयन की सहायता करेगा.

‘आज से एक हज़ार वर्ष पहले एक महान जादूगर इस देश में रहता था. उसका नाम था टोन्स. उसके पास एक जादुई खंजर था. उस खंजर से अगर किसी आदमी को खरोंच भी मार दो तो वह आदमी पत्थर का बना जाता है. वह खंजर मैं तुम्हें दूँगा. जब ज़ोरान से तुम लड़ोगे तो जादुई खंजर से उस पर वार करना. अगर तुम ने उस खंजर से एक भी घाव ज़ोरान के शरीर पर कर दिया तो, जैसे ही उसका खून धरती पर गिरेगा, वह पत्थर का बन जायेगा, सदा के लिए.’ 

वीलीयन की ख़ुशी का ठिकाना न रहा. वह जानता था कि वह स्वयं तो क्या, सौ योद्धा एक साथ भी ज़ोरान को मार नहीं सकते थे. परन्तु जादुई खंजर से अगर उसे एक बार घायल कर दिया तो वह पत्थर का बन जायेगा और उसकी कहानी सदा के लिए समाप्त हो जायेगी.

आर्विज़ ने उसे जादुई खंजर दे दिया और कहा, ‘एक बात का ध्यान रखना, इसे सिर्फ ज़ोरान के विरुद्ध ही इस्तेमाल करना. अगर तुम ने इस खंजर से किसी और को घायल किया तो इस खंजर की सारी जादुई शक्ति खत्म हो जायेगी.’

वीलीयन यह बात सुन थोड़ा निराश हुआ, वह तो मन ही मन सोच रहा था कि इस खंजर से वह अपने सब शत्रुओं को पत्थर का बना कर खत्म देगा.
©आइ बी अरोड़ा 

No comments:

Post a Comment