जंगल में हड़ताल
जंगल में जब हुई हड़ताल
भेड़िये ने की जांच पड़ताल
एक-एक कर सब को बुलाया
सब को मीठा जलपान कराया
एक-एक कर पूछा सब को
“कष्ट क्या है, बतलाओ मुझको”
हर एक ने बस यही कहा
“अब तक हमने बहुत सहा
जंगल की राजा की मनमानी
अब न सहेंगे यही है ठानी”
सुन कर यह भेड़िया घबराया
सिंहासन था उसने हथिआया
उसने सब को खूब धमकाया
सब पर अपना रौब जमाया
लालच भी कुछ दिया उसने
गुस्सा भी दिखलाया उसने
पर उसकी अब चली न एक
जंगल वासी सब हुए थे एक
एकता का सबने फल पाया
दुष्ट भेड़िये को मार भगाया
स्वतन्त्रता अब पाई सब ने
साथ रहेंगे हम ठानी मन में
© आइ बी अरोड़ा
No comments:
Post a Comment