भालू का जन्मदिन
भालू का जन्मदिन आया
सब मित्रों को उसने बुलाया
बहुत बड़ा लाया इक केक
और लाया मिठाईयां अनके
फलों की भी टोकरियां आईं
सब मित्रों ने डट कर खायीं
चट कर डाले सब रसगुल्ले
रस मलाई सब के मन भायी
खा पीकर जब सब हुए मग्न
तब घर जाने की सुध आई
विदा कर भालू सब को लौटा
मन ही मन वह बहुत प्रसन्न था
भीतर आ कर चौंक गया वह
केक काटना तो भूल गया था.
© आई बी अरोड़ा
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