Thursday, 6 January 2022

 

                       छाता


              नन्हें हाथी ने इक छाता पाया

छाता ले वो झटपट आया

नानी से पूछा उसने आकर
“छाता लेते हैं सब क्यों कर” 

नानी को पर समझ न आया
छाता नन्हें ने कहाँ से पाया

 नानी बोली बड़े प्यार से
“जब भी दिन में पानी बरसे

छाता लेकर चलते लोग
भीग जाने से लगता रोग”

नन्हा बोला सुन नानी की बात
“नानी यह तो है अजब ही बात

वर्षा की बूँदें तो होतीं हैं न्यारी
 मुझ को तो वे लगती है प्यारी

वर्षा में भीगना है मुझको भाता
मुझे न चाहिए छाता-वाता”.

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