“पत्थर
का योद्धा” भाग 9
(बच्चों
के लिए लंबी कहानी)
सूर्यास्त
से एक घंटा पहले ज़ोरान और रायज़र द्वंद युद्ध लड़ने के लिए, पूर्वी
चौकी से दूर, जंगल में एक जगह आये. हार-जीत
का निर्णय करने के लिए दो सैनिक भी उनके साथ थे, एक को
ज़ोरान ने चुना था, दूसरे को रायज़र ने. उन
दोनों ने द्वंद युद्ध के सारे नियम दोनों योद्धाओं को समझा दिए. द्वंद
युद्ध शुरू हुआ.
दोनों
ने तलवारों से लड़ना शुरू किया. दोनों शक्तिशाली और बहादुर
थे और एक-दूसरे पर पूरी ताकत और चतुराई से वार कर रहे थे. दोनों
को कई घाव लगे परन्तु कोई भी घाव गहरा न था. फिर भालों से लड़ने लगे. रायज़र को एक-दो
गहरे घाव लगे पर वह हिम्मत न हारा और एक क्रोधी सिंह समान ज़ोरान पर हमला करने लगा.
रायज़र ने कई
हमले किये परन्तु ज़ोरान के शरीर पर एक भी गहरा घाव न कर पाया. उसका
साहस कम होने लगा. वह हारना न चाहता था. उसने
जादुई खंजर का इस्तेमाल करने का सोचा. वह जानता था कि उस खंजर के
एक ही वार से लड़ाई खत्म हो सकती थी. उसने खंजर निकाला. एक पल
के लिए उसकी अंतरआत्मा ने उसे कोसा. पर अगले ही पल, सब भूल
कर, वह
ज़ोरान पर हमला करने लगा.
जादुई खंजर से ज़ोरान को घायल करने के कई प्रयास उसने किये.
अचानक
ज़ोरान बिजली के तेज़ी से रायज़र पर झपटा और उसके कंधे पर एक ज़ोर
का वार किया. रायज़र बुरी तरह घायल हो गया. उसके
पाँव लड़खड़ाने लगे. बहुत प्रयास कर उसने अपने आप को खड़ा रखा. ज़ोरान
चाहता तो उसी पल, उस पर वार कर, उसे
मार सकता था. परन्तु वह उसे मारना न चाहता था. वह रायज़र का
सम्मान करता था. ज़ोरान रुक गया.
रायज़र को
लगा कि वह अवसर आ गया था जब उसे अपनी पूरी ताकत लगा कर ज़ोरान पर जादुई खंजर से
हमला करना था. उसने वैसा ही किया. ज़ोरन
इस हमले के लिए तैयार न था, वह तो सोच रहा था कि लड़ाई समाप्त
हो चुकी थी. वह रायज़र के
वार से बच न पाया. आखिरकार वह ज़ोरान के शरीर में घाव करने में सफल
हुआ था.
रायज़र ने पूरी
ताकत लगा कर वार किया था. देखते ही देखते, ज़ोरान
के घाव से बहता लहू धरती पर आ गिरा. रायज़र ने
राहत की सांस ली. अब उसकी जीत निश्चित थी.
एक
पेड़ के पीछे छिप कर वीलीयन सब कुछ देख रहा था. जैसे
ही रायज़र ने ज़ोरान पर जादुई खंजर से वार किया, वीलीयन ख़ुशी
से उछल पड़ा.
‘अब
जैसे ही ज़ोरान का खून धरती पर गिरेगा, वह सदा के लिए पत्थर का बन
जाएगा. जैसे
ही ज़ोरान पत्थर का बन जाएगा मैं अपनी सेना को तलाविया पर हमला करने का संकेत दे
दूंगा,’
वीलीयन ने मन
ही मन कहा. वह अपनी प्रसन्नता छिपा न पा रहा था.
ज़ोरान
के घावों से बहता खून धरती पर टपकता रहा, टपकता रहा. पर न
ही उसकी शक्ति कम हुई और न ही वह पत्थर का बना.
‘ऐसा
नहीं हो सकता, आर्विज़ का जादू कभी विफल नहीं हो सकता. ज़ोरान
जल्दी ही पत्थर का बना जायेगा, जल्दी ही उसकी कहानी खत्म हो
जायेगी,’
वीलीयन की
चिंता और घबराहट बढ़ने लगी थी क्योंकि ज़ोरान में कोई परिवर्तन न आया था. वह तो
पूरे जोश और गुस्से के साथ रायज़र पर टूट पड़ा था.
रायज़र भी
घबरा गया था. उसने छल से ज़ोरान को हारने का प्रयास किया था. ज़ोरान
न ही शक्तिहीन हुआ था और न ही उसने लड़ना बंद किया था.
ज़ोरान
पूरी ताकत लगा कर रायज़र से लड़ने लगा था. उसने रायज़र को
बुरी तरह घायल कर दिया था. अचानक रायज़र ने
हार मान ली. उसने अपने शस्त्र फैंक दिये और ज़ोरान के सामने घुटने
टेक दिए. ज़ोरान इतने गुस्से में था कि उसने जादुई खंजर
उठा लिया और उसी खंजर से रायज़र को मारने के लिए उस पर झपटा.
पर
चाह कर भी वह रायज़र को जान से न मार सका. रायज़र ने मातृभूमि
के लिए कई बार अपना खून बहाया था. इस कारण वह रायज़र का
बहुत सम्मान करता था. ज़ोरान को अपने पर गुस्सा आ रहा था. बिना
कुछ कहे वह वहां से चला गया. रायज़र अकेला
रह गया. सूर्य
अस्त हो रहा था और चारों ओर अँधेरा फ़ैल रहा था.
वीलीयन के
हाथ-पाँव
कांप रहे थे. उसकी योजना पूरी तरह विफल हुई थी. आर्विज़
का जादू किसी काम न आया था. वह जानता था कि अब वह
ब्राशिया लौट न पायेगा. उसने सोच कि उसे यहाँ से तुरंत भाग जाना चाहिये. अगर रायज़र ने
उसके बारे में ज़ोरान को बता दिया और अगर ज़ोरान को उसकी चाल का पता लग गया तो वह
उसे अवश्य मार डालेगा.
जैसे ही
वह वहां से भागने के लिए मुड़ा उसने अपने सामने आर्विज़ को पाया. उसे
अपनी आँखों पर विश्वास न हुआ. डर से उसकी बोलती बंद हो गई.
‘क्या
तुम ने ज़ोरान को चुनौती दी? क्या तुम ने उसके साथ द्वंद
युद्ध किया?’ आर्विज़ ने कड़क आवाज़ में पूछा.
वीलीयन इतना
सहम गया था कि वह कुछ कह ही नहीं पाया. न ही वह कोई बहाना सोच पाया.
‘क्या
तुम समझते हो कि मैं निरा मूर्ख हूँ? मैं शुरू से ही जानता था कि
तुम एक कायर हो और ज़ोरान जैसे योद्धा से कभी न लड़ोगे. तुम में
न तो इतना साहस हैं और न ही इतना बल कि ज़ोरान जैसे महान योद्धा को चुनौती दे पाओ,’
आर्विज़ का गुस्सा बढ़ता जा रहा था.
No comments:
Post a Comment