Saturday 13 November 2021

 

पत्थर का योद्धाभाग 5

(बच्चों के लिए लंबी कहानी)

वीलीयन अपनी चतुराई पर फूला न समा रहा था. वह उस दिन का सपना देखने लगा जिस दिन वह ज़ोरान को छल से घायल कर, उसे पत्थर का बना देगा. ज़ोरान के मरते ही ब्राशिया की सेना जीत जायेगी उस विजय का सारा श्रेय उसे ही मिलेगा,

राजधानी लौट कर उसने राजा से मिलने की अनुमति मांगी.

महाराज, मैं आपसे कुछ गुप्त मन्त्रणा करना चाहता हूँ.’

तुम हो कौन?’ राजा यंगहार्ज़ ने पूछा.

महाराज, मेरा नाम वीलीयन है, मैं आपकी सेना का एक सिपाही हूँ, मेरे पास ज़ोरान को मारने की एक योजना है.’

क्या योजना है?’ राजा ने संदेह भरी दृष्टि से उसे देखते हुए कहा.

मैं ज़ोरान को द्वंद युद्ध करने के लिए ललकारुंगा, मैं उससे युद्ध करूंगा और उसे मार डालूँगा.’

राजा को उसकी बात का विश्वास न हुआ, ‘ज़ोरान तो एक भयंकर योद्धा है, सौ सैनिक मिल कर भी उसे हरा नहीं सकते, तुम अकेले कैसे उसे मार पाओगे?’

महाराज, मेरा विश्वास करें, वह कितना भी भयंकर योद्धा क्यों न हो, मैं उसे हरा दूंगा और उसे मार डालूँगा,’ वीलीयन ने बड़े उत्साह और आत्म-विश्वास से कहा.

हम विचार करेंगे,’ राजा यंगहार्ज़ ने कहा.

राजा ने अपने मंत्री से को आदेश दिया कि वह वीलीयन के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करे. दो-चार दिनों के बाद मंत्री ने राजा को बताया, ‘महाराज, वीलीयन कोई बहादुर सैनिक नहीं है. द्वंद युद्ध में वह ज़ोरान का सामना कभी न कर पायेगा. लेकिन वीलीयन एक जादूगर आर्विज़ को जानता है. मेरा संदेह है कि वीलीयन उस जादूगर से कोई जादुई शक्ति ले कर आया है. उस जादुई शक्ति की सहायता से वह छल से ज़ोरान को मारने की योजना बना रहा है. अगर वह अपनी चाल में सफल हो जाता है तो यह हमारे लिए अच्छा ही है. हम उसे कुछ पुरूस्कार दे देंगे और सेना में अधिकारी भी बना देंगे. अगर वह अपनी योजना में विफल हो जाता और ज़ोरान के हाथों मारा जाता है तो यह उसका दुर्भाग्य होगा.’

दो बार युद्ध में हारने के कारण ब्राशिया का राजा अपमान और गुस्से से तिलमिल्ला रहा था. वह तलाविया की सेना को हरा कर इस अपमान का बदला लेना चाहता था. उसे भी लगा की वीलीयन को अनुमति दे देनी चाहिये. वीलीयन को राजमहल बुलाया गया.

हमे पता चला है कि तुम एक बहुत ही बहादुर सैनिक हो. अपने देश के लिए मरने को तत्पर रहते हो. हमें तुम पर गर्व है. जाओ और ज़ोरान को चुनौती दो. उसके साथ वीरों की भांति युद्ध करना, उसे युद्ध में पराजित करो, उसका वध करना. अगर तुम सफल हुए तो हम तुम्हें सेना में कप्तान बना देंगे. अगर तुम ने युद्ध में वीरगति पाई तो सारा देश तुम्हारा सम्मान करेगा. शूरवीरों की भांति जाओ और शूरवीरों की भांति द्वंदयुद्ध करो.’

वीलीयन ने राजा का बार-बार धन्यवाद किया. उसने कहा, ‘अपने देश के लिए मर मिटना मेरे लिए गौरव की बात होगी है. मेरा सौभाग्य है कि मैं एक महान राजा का एक सैनिक हूँ.’

मंत्री ने कहा, ‘एक अनुभवी नायक की कमान में दो सौ सैनिक तलाविया की पूर्वी चौकी के दक्षिण में स्थित जंगल में छिप कर रहेंगे. वह तुम्हारे संकेत की प्रतीक्षा करेंगे. अगर तुम ने ज़ोरान को मार डाला तो एक अग्निबाण चला कर नायक को सूचित कर देना. हमारी सेना तुरंत पूर्वी चौकी पर आक्रमण कर देगी.’

वीलीयन को अपनी सफलता पर विश्वास न हो रहा था. वह तुरंत तलाविया की पूर्वी सीमा की ओर चल दिया.

वीलीयन मन ही मन चिंतित भी था. अभी तक वह तय न कर पाया था कि ज़ोरान को कैसे मारेगा. वह जानता था कि ज़ोरान के साथ वह द्वंदयुद्ध नहीं लड़ सकता था, ऐसे युद्ध में तो ज़ोरान एक ही वार से उसको मार डालेगा. ताकत और बहादुरी में वह ज़ोरान की कभी बराबरी नहीं कर सकता था. ज़ोरान को तो छल से ही मारना था.

ज़ोरान को बस एक बार टोन्स के जादुई खंजर से घायल करना होगा और वह पत्थर बन जायेगा. पर मैं उसे घायल कैसे कर पाउँगा? उसके निकट पहुंचे बिना उस पर खंजर से वार करना असंभव है, और उसके निकट पहुँचने का कोई रास्ता सुझाई नहीं दे रहा है,’ ऐसे ही विचार उसके मन में लगातार चल रहे थे.

तलाविया की पूर्वी चौकी के निकट एक सराय थी. वीलीयन उस सराय में ठहर गया. तलाविया के सैनिकों को धोखा देने के लिए उसने एक व्योपारी का भेष बना रखा था. उसने कुछ चरवाहों को पैसों देकर तलाविया के सीमा चौकी की गुप्तचरी करने के लिए तैयार कर लिया.

उन चरवाहों में दो लोग बहुत ही अच्छे गुप्तचर साबित हुए. उन्होंने तलाविया की पूर्वी चौकी की सारी जानकारी इकट्ठी कर वीलीयन को दी. लेकिन यह जानकारी पा कर भी वीलीयन उलझन में फंसा रहा, ज़ोरान को छल से मारने का कोई तरकीब उसे सुझाई न दे रही थी.

पूर्वी चौकी की सुरक्षा का प्रबंध बहुत अच्छा था. चौकी पर जितने भी सैनिक थे वह सब अच्छे योद्धा थे, सब देश पर मर-मिटने को तैयार थे और अपने नायक, ज़ोरान, का बहुत सम्मान करते थे. हर सिपाही बड़ी मुस्तैदी से अपना काम करता था और कभी कोई गलती न करता था.

वीलीयन निराश होने लगा. उसे लगने लगा था कि उसने एक मूर्खतापूर्ण योजना बना ली थी और इस योजना के सफल होने की कोई संभावना न थी.

 मुझे आर्विज़ के पास वापस जाना होगा और उससे कहना होगा कि मुझे कोई ऐसी जादुई शक्ति दे जिसका प्रयोग कर मैं दूर से ही ज़ोरान को मार सकूँ. टोन्स का खंजर तो मेरे किसी काम न आयेगा,’ वीलीयन अपने-आप से बातें कर रहा था.

 

एक दिन निराशा में डूबा वीलीयन सराय में बैठा शराब पी रहा था. उस समय सराय में कई यात्री थे और वह सब या तो भोजन कर रहे थे या शराब पी रहे थे. शराब पीने वालों में कुछ तलाविया के सैनिक भी थे.

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भाग 4

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