Tuesday, 16 November 2021

                                                  पत्थर का योद्धाभाग 6

(बच्चों के लिए लंबी कहानी)

तलाविया के सैनिकों को शराब का सेवन करने की अनुमति न थी. उनके राजा का मानना था की शराब सैनिकों को कमज़ोर और सुस्त बना देती है. तलाविया के अधिकाँश सैनिक शराब छूते भी न थे. परन्तु कुछ सिपाही थे जो कभी-कभार चोरी-छिपे शराब पी लेते थे.

जो सैनिक शराब पी रहे थे उनमें रायज़र नाम का एक सैनिक भी था.

रायज़र एक बहादुर और शक्तिशाली योद्धा था. उसने कई युद्धों में भाग लिया था और बड़ी वीरता के साथ लड़ा था. साहस और शौर्य के लिए उसे पुरस्कार भी मिला था. वह आशा कर रहा था कि एक दिन उसे पूर्वी सीमा चौकी का नायक बनाया जायेगा. परन्तु राजा ने एक युवक को नायक बना दिया था. वह युवक ज़ोरान था और रायज़र को उसके अधीन काम करना पड़ रहा था.

रायज़र इस बात से बहुत दुःखी था. उसे अपने राजा पर गुस्सा भी आ रहा था. उसे लग रहा था कि राजा ने उसे अपमानित किया था. परन्तु ज़ोरान के अधीन काम करने के सिवाय उसके पास कोई उपाय नहीं था.

रायज़र और उसके मित्र सराय में बैठे शराब पी रहे थे. तभी रायज़र ने कहा, ‘मित्रो, आज जी भर कर शराब पीयो.

नहीं, अब हमें यहाँ से चल देना चाहिए. शराब पीने पर सख्त मनाही है. राज्य का आदेश है. आदेश की अवमानना करके हम थोड़ी पी लेते हैं. अगर हम ने अधिक शराब पी ली तो नायक ज़ोरान को अवश्य पता चल जाएगा और वह शायद हमें दंडित करे,’ रायज़र के एक साथी ने कहा.

लेकिन रायज़र अपनी बात पर अड़ गया. वह अपने साथियों को धमकाने लगा.

उनमें गरमा-गर्म बहस छिड़ गई. वीलीयन निकट के मेज़ पर बैठा उनकी बातें सुन रहा था. उनकी बातों से उसने अनुमान लगाया कि वह सब सैनिक थे और उनमें से एक सैनिक कुछ दुःखी था, गुस्से में भी था.

वीलीयन उनके पास आया और बोला, ‘मैं एक व्यापारी हूँ और इस्तांबुल जा रहा हूँ. व्योपार के सिलसिले में मुझे अकसर अलग-अलग नगरों में जाना पड़ता है. कुछ दिनों के लिए यहाँ रुका हूँ. क्या मैं आपके साथ बैठ जाऊं?’

रायज़र ने उसे संदेह से देखा. परन्तु इससे पहले कि वह कुछ कहता वीलीयन ने सबसे महंगी शराब पीने के लिए मंगवा ली. उन सैनिकों ने इतनी महंगी शराब कभी चखी भी न थी. वह अपने को रोक न पाये और वीलीयन के साथ बैठ कर शराब पीने लगे.

दो माह बाद इस्तांबुल से मैं लौट कर आऊंगा. संसार की सबसे बढ़िया शराब मैं वहां से ले कर आऊंगा. ऐसी शराब यहाँ नहीं मिलती. उस शराब का स्वाद ही अलग है. आप लोगों को वह शराब अच्छी लगेगी,’ वीलीयन ने मस्ती में कहा.

थोड़े ही समय में तलाविया के सैनिक वीलीयन से ऐसे बातें करने लगे जैसे कि वह बरसों पुराने मित्र हों.

जब वह लोग शराब पी रहे थे और आपस में गपशप कर रहे थे तब का एक सुंदर पक्षी कहीं से आया और सराए की खिड़की पर आकर बैठ गया. वह गरुड़ जैसा लग रहा था, पर उसके पंख गहरे नीले रंग के थे.

कितना सुंदर पक्षी है,’ एक सैनिक ने कहा.

क्या यह कोई तोता है?’ दूसरे ने पूछा.

नहीं, यह तोता नहीं है. पर यह एक अनोखा पक्षी है. ऐसा पक्षी मैंने पहले कभी नहीं देखा,’ तीसरे ने कहा.

वीलीयन ने उस पक्षी की ओर देखा भी नहीं. वह तो मन ही मन सोच रहा था कि उसे किसी न किसी तरह रायज़र से मित्रता कर उसका विश्वास जीतना होगा. रायज़र एक बहादुर योद्धा था. वह दुःखी और क्रोधित था. उसे ज़ोरान के अधीन काम करना पड़ रहा था. वीलीयन यह बात समझ गया था. उसे लग रहा था कि रायज़र का विश्वास जीत कर वह उसे ज़ोरान के विरुद्ध भड़का सकता था.

मैं सेना के बारे में अधिक नहीं जानता पर फिर भी मुझे लगता है कि आपके राजा ने आपके साथ अन्याय किया. आप जैसा महान योद्धा ही नायक बनना चाहिये था. मैंने सुना है कि ज़ोरान ने तो एक-आध लड़ाई ही लड़ी है. उसे अनुभव ही कितना है? आप के होते हुए राजा ने ज़ोरान जैसे अनुभवहीन सैनिक को कैसे नायक बना दिया?” वीलीयन ने रायज़र को उकसाते हुए कहा.

पर ऐसा ही हुआ है रायज़र ने मायूस हो कर कहा.

क्या आप ने विरोध नहीं किया?’

एक सैनिक को विरोध करने का अधिकार नहीं होता.’

यह अन्याय आप सहन कैसे कर गये?’

मैं कर भी क्या सकता हूँ?’

एक सैनिक के लिए आत्म-सम्मान ही सबसे महत्वपूर्ण होता है. आप को अपने आत्म-सम्मान के लिए, अपने गौरव के लिए लड़ना चाहिये,’ वीलीयन ने उकसाने का प्रयास किया.

रायज़र कुछ समझ न पा रहा था कि इस स्थिति मेंउसे क्या करना चाहिये. शराब पीने के कारण उसकी बुद्धि ने भी काम करना बंद कर दिया था. 

आप को दिखा देना चाहिये कि आप ज़ोरान की भांति बहादुर और शक्तिशाली हैं,’ वीलीयन ने आग में घी डालने का काम किया.

 मैं तो ज़ोरान से अधिक बहदुर और शक्तिशाली हूँ,’ रायज़र जोश में आकर बोला.

यह बात आप जानते हैं, मैं जानता हूँ, आप के मित्र जानते हैं. पर इस देश के लोग नहीं जानते, राजा भी शायद नहीं जानते. अगर वह जानते होते तो आप ही नायक बनाते. अब आप कुछ ऐसा करो कि सब जान जाएँ कि आप कितने बहादुर हैं, कितने शक्तिशाली हैं,’ वीलीयन ने उसे उकसाया.

मेरे मित्र, सब जानते हैं कि मैं तलाविया का एक सवर्श्रेष्ठ योद्धा हूँ. हमारे महाराज भी जानते हैं, रायज़र ने ऊंची आवाज़ में कहा.

अगर जानते होते तो आप नायक होते और ज़ोरान आपके अधीन एक सिपाही होता, वैसे ही जैसे आज आप हैं, एक मामूली सिपाही.’

मुझे क्या करना चाहिये?’ रायज़र उसकी बातों में उलझ गया और अनचाहे ही उससे पूछ बैठा.

भाग 5

No comments:

Post a Comment