Thursday 18 November 2021

                                                  पत्थर का योद्धाभाग 8

(बच्चों के लिए लंबी कहानी)

अगली सुबह रायज़र को अहसास हुआ कि उसने ज़ोरान को चुनौती दे कर भारी भूल कर दी थी. ऐसा नहीं था कि वह ज़ोरान से डरता था. पर उसे लगा कि ज़ोरान जैसे योद्धा को चुनौती देना गलत था. ज़ोरान ने न कभी रायज़र का अपमान किया था और न ही कभी उसके साथ बुरा व्यवहार किया था. उसे यह डर भी सताने लगा कि अगर तलाविया के राजा को इस बात का पता चला तो वह बहुत क्रोधित होंगे, शायद उसे दंड भी दें.

उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था. गुस्से और उत्तेजना में वह अकेला ही शराब पीने के लिए सराय आ गया. वहां उसे वीलीयन मिला. वीलीयन वहीं बैठा शराब पी रहा था.

मैंने बहुत ही मूर्खतापूर्ण काम कर दिया है. मैंने अपने नायक ज़ोरान को चुनौती दे दी है. आज शाम हम दोनों द्वंद युद्ध लड़ेंगे, सूर्यास्त से पहले,’ रायज़र की वाणी में निराशा झलक रही थी. उसे अपनी भूल पर पछतावा हो रहा था.

रायज़र को इस बात का ध्यान न रहा कि वीलीयन ने ही उसे ऐसा करने के लिए उकसाया था. वह तो यह समझ रहा था कि वीलीयन उसका सच्चा मित्र है.

मित्र, मैंने तो कल ही तुमको सावधान कर दिया था. कल तुम ने थोड़ी अधिक ही शराब पी ली थी. इस कारण मैंने कहा था कि सोच समझ कर ही कुछ तय करना. पर अब पछताने से क्या लाभ? अब इस युद्ध से पीछे हटना अपमान भरी बात होगी. एक वीर के लिए आत्म-सम्मान खोने से अच्छा है कि वह मृत्यु को गले लगा ले,’ वीलीयन चतुराई से उसे उकसाने की कोशिश करता रहा.

मैं जानता हूँ कि अब मुझे द्वंद युद्ध करना ही होगा, अन्यथा बहुत अपमान होगा. मेरे साथी भी मुझ पर हंसेगे. अब अपने आत्म-सम्मान के लिए मुझे ज़ोरान से लड़ना ही होगा.’

अब हमें यह सोचना है कि इस युद्ध की तैयारी कैसे करनी है. सबसे पहले तुम  शराब पीना बंद करो. आज तुम शराब को हाथ भी न लगाना. तुम को पूरी तरह स्वस्थ रहना है और अपने मन को शांत रखना है.’

पर ज़ोरान से कैसे लड़ पाउँगा? उसे कैसे मार पाउँगा? वह इतना अच्छा आदमी है. सब उसे बहुत पसंद करते हैं,’ रायज़र अपने विचारों में उलझता जा रहा था.

तुम उससे अवश्य लड़ो, पर यह ज़रूरी नहीं है कि तुम उसका वध करो. बस, उसे घायल कर दो. इससे यह प्रमाणित हो जायेगा कि तुम उसके समान ही वीर योद्धा हो

लेकिन मैं ज़ोरान को जानता हूँ, वह कभी हार नहीं मानेगा. वह तब तक लड़ना बंद नहीं करेगा जब तक की वह मुझे पराजित नहीं कर देगा, मुझे भय है कि यह लड़ाई तभी समाप्त होगी जब हम दोनों में से एक मारा न जायेगा,’ रायज़र ने मायूस हो कर कहा.

अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी सहायता कर सकता हूँ,’ वीलीयन ने अपनी अंतिम चाल चली.

कैसे?’ रायज़र ने संदेह की दृष्टि से देखते हुए पूछा.

मेरे पास एक जादुई खंजर है. अगर तुम उस खंजर से उसे घायल कर दो तो वह हार जायेगा. खंजर से हुए ज़ख्म से बहता खून जैसे ही धरती पर गिरेगा, ज़ोरान अपनी सारी शक्ति खो बैठेगा. फिर वह लड़ न पायेगा और तुम  जीत जाओगे,’ वीलीयन ने धीमे से कहा.

परन्तु लड़ाई में जादुई खंजर का उपयोग नहीं किया जा सकता. ऐसा करना अनुचित होगा. मुझे अपने पर पूरा विश्वास है और, बिना किसी छल के, मैं ज़ोरान को हरा दूंगा.’

क्या तुम्हारे राजा ने तुम्हारे साथ उचित व्यवहार किया था? एक तरह से तो तुम्हारे साथ भी छल हुआ था. यह लड़ाई तुम न तो ज़ोरान का वध करने के लिए लड़ रहे हैं और न ही स्वयं को मारने के लिए. तुम को तो बस यह प्रमाणित करना है कि तुम एक महान योद्धा हो, ज़ोरान से भी बड़े वीर हैं. इसलिये तुम्हें कोई ऐसा रास्ता ढ़ूंढ़ना होगा जिस पर चल कर तुम, बिना मारे और बिना मरे, यह लड़ाई जीत जाओ. यह जादुई खंजर उसे शक्तिहीन कर देगा और तुम  द्वंद युद्ध जीत जाओगे, बस,’ वीलीयन ने उसे अपनी बातों के जाल में फांसने की पूरी कोशिश की.

रायज़र वीलीयन की बातों फंस गया और उस धूर्त का सुझाव उसने मान लिया.

तुम इस खंजर के विषय में किसी से कुछ न कहोगे?रायज़र ने कहा.

मैं किसी को कुछ नहीं बता सकता. अगर इसके बारे कोई जान गया तो खंजर की सारी जादुई शक्ति समाप्त हो जायेगी. और तुम को भी एक बात का ध्यान रखना है, इस खंजर का सिर्फ एक बार ही प्रयोग हो सकता है. इसलिये खूब सोच-समझ कर इसका इस्तेमाल करना. जब तुम्हें विश्वास हो जाये कि तुम ज़ोरान के शरीर पर घहरा घाव कर पाओगे तभी इसका इस्तेमाल करना. घाव इतना गहरा हो कि घाव से खून बह कर नीचे धरती पर गिरे. जैसे ही उसका खून धरती पर गिरेगा, वह अपनी सारी शक्ति खो बैठेगा और लड़ना बंद कर देगा. तुम्हारी जीत होगी,’ वीलीयन ने बड़े जोश के साथ कहा.

रायज़र यह बात न जानता था कि वीलीयन उससे झूठ बोल रहा था. जादुई खंजर से घाव होने पर ज़ोरान सदा के लिए पत्थर का बन जाने वाला था, उसके मन में ज़ोरान को हारने की इच्छा इतनी तीव्र थी कि वह वीलीयन के झूठ को सच मान उसके कहे अनुसार लड़ने को तैयार हो गया.

रायज़र बहादुर था, शक्तिशाली था, परन्तु उसे भय था कि कहीं वह ज़ोरान से हार न जाये. वह हारना न चाहता था, अतः वीलीयन की बातों में आकर उसने छल का सहारा लेने की बात मान ली.

लाओ, मुझे वह जादुई खंजर दे दो. पर पहले यह वचन दो कि तुम इसके विषय में किसी से कुछ न कहोगे,’ रायज़र ने कहा.

मेरे प्रिये मित्र, मैं वचन देता हूँ कि खंजर की बात मैं किसी से न कहूँगा,’ इतना कह वीलीयन ने उसे जादुई खंजर दे दिया.

जब वीलीयन और रायज़र यह बातें कर रहे थे, नीले पंखों वाला अनोखा पक्षी कहीं से आकर उनके निकट एक पेड़ पर आ बैठा था और उन दोनों के एकटक देख रहा था.

भाग 7

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