poems and stories for children
Tuesday, 4 November 2014
चूहे ने पाली बिल्ली
इक चूहे ने पाली बिल्ली
सभी उड़ाते उसकी खिल्ली
चूहा मगर अकड़ कर रहता
बात किसी की कभी न सुनता
बिल्ली डरी-डरी से रहती
चूहे की हर बात वह सहती
चूहा उसे खिलाता घास
बाँध कर रखता अपने पास.
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