शिकायत
इक भालू ने टोपी पाई
टोपी पहन वो बना
सिपाही
डंडा लेकर निकला वो
सब पर अपनी धौंस
जमाई
इक बन्दर को उसने
पीटा
इक हिरण को उसने डांटा
हाथी की लिखी रपट
सियार की कर दी खूब
धुलाई
वन में खूब मचा तब
शोर
भागे सब राजा की ओर
शिकायत सुन शेर चकराया
झटपट उसने भालू को
बुलवाया
अब तो भालू थोड़ा घबराया
उसने था सबको खूब
सताया
वनराज ने किया सही न्याय
और भालू का सिर मुंडवाया .
© आई बी अरोड़ा
सुन्दर बाल रचना ...
ReplyDeletethanx for liking the poem
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