Friday, 4 July 2014

शिकायत
इक भालू ने टोपी पाई
टोपी पहन वो बना सिपाही
 डंडा लेकर निकला वो
सब पर अपनी धौंस जमाई
इक बन्दर को उसने पीटा
 इक हिरण को उसने डांटा
हाथी की लिखी रपट
सियार की कर दी खूब धुलाई
वन में खूब मचा तब शोर
भागे सब राजा की ओर
 शिकायत सुन शेर चकराया
झटपट उसने भालू को बुलवाया
 अब तो भालू थोड़ा घबराया
उसने था सबको खूब सताया
 वनराज ने किया सही न्याय
 और भालू का सिर मुंडवाया .


© आई बी अरोड़ा 

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